मनमोहन सिंह या तो बोलते नहीं और..........
बोलते हैं तो..........क्या बताऊँ.......बेडा गर्क करते हैं...
मनमोहन सिंह या तो बोलते नहीं और बोलते हैं तो अब लगता है ये दिग्विजय
सिंह से ट्रेनिंग ले कर बोलते हैं। क्या कहा इन्होने आज जरा गौर करें:
- विपक्ष सहयोग नहीं करता.......
- 9 साल से विपक्ष अड़ंगे लगा रहा है.........
- विपक्ष ने कभी सहयोग नहीं किया.........
-आर्थिक स्तिथि को सम्हालना सामूहिक जिम्मेदारी है......
- रुपये का गिरना चिंता का विषय है............
- अन्य देशों की भी करेंसी गिरी हैं...............
ये मनमोहन सिंह की बे-सर पैर की बातें हैं। जब संसद का सत्र ख़त्म होने को होता है विपक्ष पर हमला शुरू कर देते हैं।
क्या सहयोग चाहते हो मनमोहन जी विपक्ष से जरा ये भी तो खुलासा कर दो ना.....
-क्या विपक्ष आपके साथ खड़ा हो कर सोनिया गाँधी और पप्पू की आरती उतारे जो आप करते हो.....
-क्या विपक्ष सरकार की मदद करे घोटाले करने में या घोटालो पर चुप रहे, तो सहयोग कहलायेगा......
-क्या विपक्ष का सहयोग तब कहलायेगा जब आपकी सरकार में कोयला घोटाले की फाइल्स चोरी हो जाएँ और विपक्ष चुप रहे..........
-पाकिस्तान हमारे सैनिको के सर काट के ले जाये और उनकी हत्या कर जाये और
आपकी सरकार उसके पी एम् यो बिरयानी खिलाये तो विपक्ष उसमे सहमति जताए,
क्या आपको ऐसा सहयोग चाहिए.........
-आप कहते हो 9 साल से विपक्ष अड़ंगे
लगा रहा है मगर सच तो ये है कि आप 9 साल से मनमानी कर रहे हो जिसकी वजह से
देश आर्थिक इमरजेंसी की कगार पे पहुँच गया पर आप अपनी सरकार को दोषी और
जिम्मेदार मानने के लिए तैयार नहीं हो, क्या विपक्ष का ये सहयोग चाहते हो
कि वो आपको जिम्मेदार ना कहे...........
-आज आप आर्थिक स्तिथि को
सम्हालने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी की बात करते हो, क्यूँ, फैसले तो आपने
अपने खुद के मन के माफिक किये हैं, तो फिर जब आपकी नीतियाँ
फ़ैल हो गयी तो सामूहिक जिम्मेदारी का क्या औचित्य रह जाता है.........
-आप सारी नीतियाँ कांग्रेस के लिए वोट बटोरने के लिए बनायें और सहयोग मांगते हो विपक्ष का, तो विपक्ष क्या
पागल है जो आपके फिर से सत्ता में आने का सामान जुटाए और तब आप विपक्ष का सहयोग मानोगे..........
-विपक्ष कैसे सहयोग कर सकता आपकी नीतियों पर जब आप सांप्रदायिक तौर पर देश
को बांटने का काम कर रहे हो और मुस्लिम वोट बैंक के लिए हिन्दुओं का दमन
कर रहे
हो................
-अधिकारिक विपक्ष भाजपा है और सहयोग के
नाम पे क्या आप चाहते कि आपका गृहमंत्री शिंदे समस्त हिन्दुओं को आतकवादी
कह दे और भाजपा चुप रहे..............
-क्या वो सहयोग चाहते हो कि आपका
दिग्विजय सिंह बटला हाउस मुठभेड़ को फर्जी कहता रहे और भाजपा/विपक्ष उसके
सुर में सुर मिलाये..........
-विपक्ष आपकी चुप्पी पर कैसे सहयोग कर
सकता है, जब चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और मयन्मार हमारी सीमाओं में
घुसपैठ करें.................
-आप रुपये की कीमत घटने पर ये कह कर पल्ला झाड लेना चाहते हो कि अन्य देशों की भी करेंसी गिरी है, तो
क्या विपक्ष इस बात की अनुशंषा कर दे...........
-क्या रुपये की गिरती कीमत पर चिंता व्यक्त कर देना काफी है और आप देश को सोना गिरवी रखने की सोचने
लगे, तो क्या विपक्ष आपको समर्थन दे दे.............
प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह जी कांग्रेस ने कभी सामूहिक जिम्मेदारी को
पनपने नहीं दिया क्यूंकि कांग्रेस की नज़र हमेशा वोट बैंक पर रहती है जिसकी
वजह से "राष्ट्रवाद"को कांग्रेस ने देश में उभरने ही नहीं दिया, और जब
"राष्ट्रवाद"ही नहीं है देश में तो "सामूहिक जिम्मेदारी" का तो मतलब ही
नहीं पैदा होता जिसकी वजह से किसी विषय पर कांग्रेस ने "राष्ट्रनीति" बनाने
की कोशिश नहीं की, चाहे वो आंतरिक सुरक्षा हो या बाहरी ताकतों से सुरक्षा,
चाहे आर्थिक निति हो, और चाहे शिक्षा।
फिर किसलिए और कैसा सहयोग चाहते हैं मनमोहन सिंह जी ?
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