Friday, August 1, 2014

आखिर कैसे पैदा हुए कौरव?


कौरव न होते तो महाभारत न होता. महाभारत में धृतराष्ट्र और गांधारी के 100 बेटे (कौरव) और पांडु के पांच बेटों (पांडवों) के बीच धर्मयुद्ध की लड़ाई और सत्य की जीत की कहानी है. पर बहुत कम लोग जानते हैं कि कौरव 100 नहीं बल्कि 102 थे. गांधारी जब धृतराष्ट्र से विवाह कर हस्तिनापुर आईं तो धृतराष्ट्र के अंधा होने की बात उन्हें पता नहीं थी. पति के अंधा होने की बात जानकर गांधारी ने भी आंखों पर पट्टी बांधकर आजीवन पति के समान रोशनी विहीन जीवन जीने का संकल्प लिया. इसी दौरान ऋषि व्यास उनसे मिलने हस्तिनापुर आए जिनकी उस अवस्था में भी गांधारी ने बहुत सेवा की.


गांधारी की सेवा और पतिव्रता संकल्प से प्रसन्न होकर ऋषि व्यास ने उन्हें 100 पुत्रों की माता होने का आशीर्वाद दिया. उन्हीं के आशीर्वाद से गांधारी दो वर्षों तक गर्भवती रहीं लेकिन उन्हें मृत मांस का लोथड़ा पैदा हुआ. तब ऋषि व्यास ने उसे 100 पुत्रों के लिए 100 टुकड़ों में काटकर घड़े में एक वर्ष तक बंद रखने का आदेश दिया. गांधारी द्वारा एक पुत्री की इच्छा व्यक्त करने पर ऋषि व्यास ने मांस के उस लोथड़े को खुद 101 टुकड़ों में काटा और घड़े में डालकर बंद किया जिससे एक वर्ष बाद दुर्योधन समेत गांधारी के 100 पुत्र और एक पुत्री दु:शला पैदा हुई.
 


कहते हैं धृतराष्ट्र की किसी दासी से संबध थे. जब कौरव जन्म ले रहे थे तब वह दासी भी गर्भवती थी. जब पहला घड़ा फूटा और दुर्योधन पैदा हुआ उसी वक्त उस दासी ने भी एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम था ‘युतुत्सु’. इस प्रकार कौरव 100 नहीं बल्कि 102 थे, जिनके नाम इस प्रकार हैं:1. दुर्योधन2. दु:शासन3. दुस्सह4. दु:शल5. जलसन्ध6. सम7. सह8. विन्द9. अनुविन्द10. दुर्धर्ष11. सुबाह12. दु़ष्ट्रधर्षण13. दुर्मर्षण14. दुर्मुख15. दुष्कर्ण16. कर्ण17. विविशन्ति18. विकर्ण19. शल20. सत्त्व21. सुलोचन22. चित्र23. उपचित्र24. चित्राक्ष25. चारुचित्रशारानन26. दुर्मद27. दुरिगाह28. विवित्सु29. विकटानन30. ऊर्णनाभ31. सुनाभ32. नन्द33. उपनन्द34. चित्रबाण35. चित्रवर्मा36. सुवर्मा37. दुर्विरोचन
38. अयोबाहु39. चित्राङ्ग40. चित्रकुण्डल41. भीमवेग42. भीमबल43. बलाकि44. बलवर्धन45. उग्रायुध46. सुषेण47. कुण्डोदर48. महोदर49. चित्रायुध50. निषङ्गी51. पाशी52. वृन्दारक53. दृढवर्मा54. दृढक्षत्र55. सोमकीर्ति56. अनूर्दर57. दृढसन्ध58. जरासन्ध59. सत्यसन्ध60. सदस्सुवाक्61. उग्रश्रव62. उग्रसेन63. सेनानी64. दुष्पराजय65. अपराजित66. पण्डितक67. विशलाक्ष68. दुराधर69. दृढहस्त70. सुहस्त71. वातवेग72. सुवर्चस73. आदित्यकेतु74. बह्वाशी75. नागदत्
76. अग्रयायॊ77. कवची78. क्रथन79. दण्डी80. दण्डधार81. धनुर्ग्रह82. उग्र83. भीमरथ84. वीरबाहु85. अलोलुप86. अभय87. रौद्रकर्मा88. द्रुढरथाश्रय89. अनाधृष्य90. कुण्डभेदी91. विरावी92. प्रमथ93. प्रमाथी94. दीर्घारोम95. दीर्घबाहु96. व्यूढोरु97. कनकध्वज98. कुण्डाशी99. विरज100. दुहुसलाई101. दु:शला (पुत्री)‎102. युयुत्सु
 

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