Friday, September 5, 2014

कितना कष्टकारी है इजराइल को इस स्थिति में देखना ...................


दोनों में बड़ा साम्य है
एक बहुत बड़ा सम्बन्ध है
आर्यावर्त अथवा अखंड भारत की पश्चिमी सीमा यानि मध्य धरातल सागर अंग्रेजी में "मेडी टेरैनियन सी" पर स्थित जहाँ भारत के शौर्य के चिन्ह धरती में अन्दर दबे हैं, आर्य सभ्यता की आखिरी निशानी, इजराइल यहूदियों का छोटा सा संरक्षण स्थल बनाकर सर्वत्र परम चांडालों से घिरा अपने अस्तित्व की रक्षा कर रहा है ..
ज्युज़ यानि यहूदी कौन हैं ? JEWS शब्द संस्कृत "यदु" का रोमनीकरण है यहूदी वोही बिछड़े यदु या यदुवंशी हैं जिनका सम्बन्ध आर्य सम्राटों से भी है - एवं महान आर्य नायक कृष्ण से भी ..जिनके पूजा स्थल का नाम है -- "ईश्वरालयम " यानि जेरुसलम . (जिसका गहरा रहस्य है *) * भविष्य ब्लॉग
उसी आर्य साम्राज्य का केन्द्रक एवं पूर्वी सिरा अपने राजनैतिक कम, सांस्कृतिक अस्तित्व की अन्छेडी लड़ाई लड़ रहा है
क्या विडंबना दोनों को एक दुसरे के बारे में नहीं मालूम ...
दोनों का शत्रु का एक है
दोनों की कमजोरी लगभग एक
दोनों की स्थिति एक -
पर दोनों की तैयारी भिन्न है
दोनों के तेवर भिन्न
उसने अपनी कमियां उखाड़ फेंकनी शुरू कर दीं
हमने अभी शुरू भी नहीं किया
उसी कमियों पर पल रहे हैं, जिन्होंने हमारा विनाश कर दिया
शास्त्रों के स्वर सभ्यताएँ नहीं बचाते पौरुष भरे शस्त्र बचाते हैं
वो पौरुष नहीं हैं कहीं ..........
स्त्रियों में शक्ति खोजना हमने जबसे प्रारंभ किया ...... तबसे हम हार एवं विपत्ति के अधिकारी हो गए !
उस महान साम्राज्य के दो नष्टप्राय भंगुर सिरे बचे हैं ....... आखिरी चिन्ह के रूप में
सही कहा है उस औपनिवेशिक ने "इतिहास विजेता ही लिखता है"
जो अपना इतिहास नहीं जानता वो जीवित नहीं है ...................